कुछ साल पहले वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने एक नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) शुरू की थी. इसके तहत टैक्स (Income Tax) काटे जाने के स्लैब्स की संख्या को थोड़ा बढ़ाया गया, लेकिन टैक्स की दर को घटा दिया गया. अगर इस साल यानी वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो इस बार नए टैक्स रिजीम को चुनने वालों को 7 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. भले ही सरकार ने आपको 7 लाख रुपये तक की सैलरी (Salary) पर नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स (Tax) छूट दी है, लेकिन अगर आपकी सैलरी 7.80 लाख रुपये तक भी है, तो भी आपको नई टैक्स व्यवस्था में फायदा होना वाला है. आइए समझते हैं कैसे.
सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था की तुलना में नई टैक्स व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के लिए पिछले बजट में इसके में कुछ बदलाव किए हैं. इसके तहत एक तो आपको 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना है. वहीं अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये तक है तो आपको 3-7 लाख रुपये यानी बचे हुए 4 लाख रुपयों पर टैक्स छूट भी मिल जाएगी. साथ ही सरकार ने इसे और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए दो तरह के डिडक्शन का फायदा दिया है.
1- स्टैंडर्ड डिडक्शन
नौकरीपेशा लोगों को पुरानी टैक्स व्यवस्था में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. यानी भले ही आपकी सैलरी कितनी भी हो, आपको 50 हजार रुपये पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. पिछले बजट में इसे नई टैक्स व्यवस्था में भी शामिल कर लिया गया. इस तरह आप को 7 लाख नहीं, बल्कि 7.50 लाख रुपये तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, क्योंकि 50 हजार रुपये तो स्टैंडर्ड डिडक्शन की वजह से आपकी टैक्सेबल इनकम से कम हो जाएंगे.
2- कॉरपोरेट नेशनल पेंशन सिस्टम
आप एंप्लॉयर के जरिए एनपीएस (NPS) में कॉन्ट्रिब्यूशन लेकर स्टैंडर्ड डिडक्शन के ऊपर कुछ अतिरिक्त छूट पा सकते हैं. किसी भी कर्मचारी को एनपीएस पर जो टैक्स छूट मिलती है, वह 80CCD के तहत मिलती है. इसमें भी दो सब-सेक्शन हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). वहीं 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन हैं 80CCD(1B). इसमें आप 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपये और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये की छूट तो पाते ही हैं, लेकिन 80CCD(2) आपको इस 2 लाख रुपये के भी ऊपर इनकम टैक्स में छूट देगा.
कैसे 7.80 लाख रुपये तक की सैलरी होगी टैक्स फ्री?
मान लेते हैं कि आपका 7.80 लाख रुपये का पैकेज है. ऐसे में आपकी बेसिक सैलरी आपके सीटीसी का कम से कम 50 फीसदी होगा. मतलब आपकी बेसिक सैलरी हुई 3.90 लाख रुपये. 80CCD(2) के तहत आप अपने एंप्लॉयर से कॉरपोरेट एनपीएस अकाउंट में इसका 10 फीसदी यानी 39 हजार रुपये तक निवेश करवा सकते हैं, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. तो अगर आपकी सैलरी 7.80 लाख रुपये है तो उस पर 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और 39 हजार रुपये के कॉरपोरेट एनपीएस पर टैक्स छूट मिलेगी. इस तरह आपको कुल मिलाकर 89,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलेगा, जिसकी वजह से आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये से कम (6.91 लाख रुपये) रह जाएगी और आप पर टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी.
क्या करना होगा ये छूट पाने के लिए?
अधिकतर कंपनियां एनपीएस की सुविधा देती ही हैं. आप अपनी कंपनी के एचआर से बात कर के एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं. यह निवेश आपकी बेसिक सैलरी से होता है और इसका नतीजा ये होगा कि आपको हर महीने मिलने वाली इनहैंड सैलरी कम हो जाएगी. अच्छी बात ये रहेगी कि आप अतिरिक्त टैक्स छूट पा सकेंगे. अगर आपकी कंपनी में एनपीएस की सुविधा नहीं है तो एक बार एचआर से बात करें, वह आपको इस पर गाइड करेंगे.
80CCD(2) के तहत कैसे मिलेगी अतिरिक्त छूट
इसके तहत आपको एंप्लॉयर की तरफ से आपके एनपीएस में किए गए निवेश पर छूट मिलेगी. तमाम बिजनेस इस निवेश को अपने प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में बिजनेस एक्सपेंस की तरह दिखाकर टैक्स छूट पाते हैं. इसके तहत आप प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी तक एनपीएस में निवेश करवा सकते हैं और उस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी. वहीं अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो यह आंकड़ा आपके लिए 14 फीसदी तक हो सकता है.
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