नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट ने मंगलवार को सीएए पर रोक लगाने की अपील करने वाली 237 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से 3 सप्ताह में जवाब देने को कहा. हालांकि, इसके साथ ही कोर्ट ने सीएए के नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसक दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की पूरी फौज पेश हुई, जिसमें कपिल सिब्बल के अलावा इंदिरा जयसिंह, राजीव धवन और विजय हंसारिया शामिल हैं.
1- कपिल सिब्बल
याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश कपिल सिब्बल ने पूछा कि सीएए पारित होने के लगभग चार साल बाद नियमों को अधिसूचित करने की अचानक क्या जरूरत थी. चार साल बाद इसको लेकर इतनी जल्दी क्यों मचाई जा रही है? कपिल सिब्बल का जन्म 8 अगस्त 1948 को हुआ था और वकील के साथ-साथ कांग्रेस नेता भी हैं. कपिल सिब्बल, सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विवाद, तीन तलाक और धारा 370 पर दलील रख चुके हैं. कपिल सिब्बल कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा मंत्री, कानून मंत्री और संचार एवं तकनीकी मंत्री रह चुके हैं.
2- इंदिरा जयसिंह
इंदिरा जयसिंह एक प्रसिद्ध भारतीय वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों, न्यायिक पारदर्शिता, पर्यावरणीय न्याय और मानवाधिकारों के क्षेत्र में काफी काम किया है. इंदिरा जयसिंह ने अपने काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं.केरल के सीरियन क्रिश्चियन महिलाओं को उनके पिता की संपत्ति में समान अधिकार दिलाने के अलावा उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक न्याय, और मानवाधिकारों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
3: राजीव धवन
राजीव धवन भारतीय वकील हैं, जो विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट में अपनी वकालत के लिए जाने जाते हैं. उन्हें कानून के क्षेत्र में उनकी गहन विशेषज्ञता और विविध उच्च प्रोफाइल केसों में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए सम्मानित किया गया है. धवन ने अपने करियर में अधिकारों की रक्षा, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और सेक्युलरिज्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है.
4- विजय हंसारिया
विजय हंसारिया सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं. वे अपने कानूनी करियर में कई जटिल और हाई-प्रोफाइल केसों में काम कर चुके हैं, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून और नागरिक अधिकार सम्मिलित हैं. उन्होंने विभिन्न कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और विशेष रूप से अपने ग्राहकों को कानूनी सलाह और प्रतिनिधित्व प्रदान करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
4- सिद्धार्थ लुथरा
सिद्धार्थ लुथरा भी ऐसे वकील हैं, जिन्होंने विभिन्न हाई-प्रोफाइल और महत्वपूर्ण केसों में प्रतिनिधित्व किया है. सिद्धार्थ लुथरा ने 2G स्पेक्ट्रम घोटाले से संबंधित मामलों में विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व किया था. इसके अलावा उन्होंने विदेशों में छिपाई गई अघोषित संपत्ति के खिलाफ लड़ाई में सरकार का प्रतिनिधित्व किया था. लुथरा ने आपराधिक कानून के क्षेत्र में सुधारों पर काम किया है.
6- निजाम पाशा
निजाम पाशा विशेष रूप से संवैधानिक, आपराधिक और सिविल मुकदमेबाजी में सक्रिय हैं. वे अपनी विधिक जानकारी, गहन शोध क्षमता और मुकदमेबाजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए पहचाने जाते हैं. निजाम पाशा ने अपनी विधिक शिक्षा भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों से प्राप्त की है और वे अक्सर विभिन्न हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी पेश होते हैं.
कलीस्वरम राज
वरिष्ठ वकील कलीस्वरम राज ने सीएए पर सुनवाई के दौरान कहा कि कृषि कानूनों में भी यही हुआ और इस पर रोक लगा दी गई. कलीस्वरम राज सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट्स में प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने कई उल्लेखनीय केसों में भाग लिया है और दलील दी है. उनकी विशेषज्ञता कानून के कई क्षेत्रों में है, जिसमें संवैधानिक कानून, नागरिक अधिकार और जनहित याचिकाएं शामिल हैं.
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