ये लक्जरी क्रूज 52 दिन में करीब 3200 किमी की दूरी तय कर डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. फाइव स्टार सुविधा और आधुनिक तकनीक से युक्त जलयान का सफर कई मायने में वैश्विक स्तर के मापदंडों पर खरा उतरता है. लिहाजा, इसमें सफर करने वाले विदेशी सैलानी भी सुविधाओं को लेकर काफी संतुष्ट हैं. आइए जानते हैं काशी से डिब्रूगढ़ तक गंगा विलास के सफर की खासियत.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के सबसे बेहतरीन लग्जरी क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा. यानी अगर आप पूरे 51 दिन की ट्रिप बुक करते हैं तो आपको इस सुखद, अद्भुत और अकल्पनीय यात्रा के लिए 25 लाख रुपये चुकाने होंगे.
बताया जा रहा है कि क्रूज़ के रूम्स 5 स्टार होटल जैसे है. गंगा विलास क्रूज़ पर 18 कमरे है.
इन्ही में से एक कमरे में मौजूद सुख-सुविधाओं का जायजा हमारी टीम ने लिया है. कैमरे में कैद खूबसूरती से इतर इस क्रूज के हर कमरे में सभी भौतिक सुख सुविधाएं मौजूद हैं. इसके रूम में तकिए से लेकर गलीचे तक अलग-अलग जगहों से मंगाए गए है. इसमें देश में विविधता में एकता की झलक दिखती है. इसके रूम में पढ़ने के लिए स्टडी टेबल है.
इस क्रूज़ के लक्जरी रूम में टीवी के अलावा किताबें भी रखी गयी हैं. जिसके कमरों के दरवाजे पर मैप बनाये गये हैं. इसके हर कमरे से रिवर व्यू बहुत जबरदस्त खूबसूरत दिखाई देता है.
इस जलयान में 36 पर्यटक एक साथ यात्रा कर सकते हैं. पहले सफर में वाराणसी से स्विट्जरलैंड के कुल 32 पर्यटक यात्रा करेंगे. इसमें से 10 पर्यटक कोलकाता में उतर जाएंगे और स्विट्जरलैंड के ही इतने नए यात्री वहां आगे के नए सफर के लिए जुड़ जाएंगे.
गंगा विलास क्रूज 18 माह में बनकर तैयार हुआ है. कोलकाता में इसका निर्माण हुआ. ये जलयान पूरी तरह भारतीय राज्यों की साज-सज्जा से लैस है. जिसमें बेडरूम, किचन, जिम, रेस्टोरेंट, सैलून, गीत संगीत, चिकित्सा, ओपन स्पेस सहित इसमें सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं हैं.आधुनिक सुविधाओं से लैस इस क्रूज का रूट वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बक्सर से पटना, मुंगेर और भागलपुर फिर बंगाल से बांग्लादेश में एंट्री करेगा. 52 दिन और 3200 किलोमीटर के इस सफर में कई अलग-अलग शहरों में इसका ठहराव करीब 50 जगहों पर होगा.
ये क्रूज अत्याधुनिक उपकरणों से लैस यानी एकदम लेटेस्ट तकनीक से बना है. इसमें सफर की वजह से गंगा नदी प्रदूषित न हो इसका भी ख्याल रखा गया है. ये जलमहल पर्यावरण को साफ रखने में मददगार है. इसमें पानी के लिए आरओ और एसटीपी प्लांट लगा है, ताकि दूषित पानी गंगा में न जाए.
ये लक्जरी क्रूज आते समय (अपस्ट्रीम) लगभग 12 किलोमीटर और जाते समय (डाउनस्ट्रीम) लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सफर तय करेगा. इसमें प्रदूषण और शोर रहित प्रणाली मौजूद है इससे नदी का इको सिस्टम भी प्रभावित नहीं होगा.
इस क्रूज का किराया भारत में 25 हजार रुपये और बांग्लादेश में 50 हजार रुपये प्रति दिन है.
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