चितकुल भारत का अंतिम गाँव, चितकुल हिमाचल प्रदेश की किन्नौर घाटी में स्थित है
चितकुल हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का एक खूबसूरत गांव है. चितकुल को अंग्रेज़ी में India’s Last Village भी कहा जाता है। यह भारत-तिब्बत बॉर्डर पर बसा हुआ सबसे आखिरी शहर है. बसपा नदी के तट पर बसा चितकुल आखिरी ऐसा गांव है जहां भारतीय बिना किसी परमिशन के आजादी से घूम सकते हैं.
इस जगह के बारे में कहा जाता है की भारत का अंतिम गाँव होने के कारण यहां बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं है, इसी लिए आज भी यहां पर बिलकुल शुद्ध हवाएँ चलती है।
चितकुल क्यों प्रसिद्ध है - Why Chitkul Famous?
- बसपा नदी के लिए ( Baspa River )
- ताजी हवा के लिए
- भारत के अंतिम गांव के लिए ( India’s Last Village )
- किन्नेर कैलाश के नज़रो के लिए
- ट्रैकिंग के लिए
- फोटोग्राफी के लिए
चितकुल जाने का सबसे अच्छा समय कोनसा है (घूमने का सबसे अच्छा समय Best time to visit Chitkul Himachal pradesh)
Chitkul जाने का सबसे सही समय है गर्मियों का विशेष रूप से आप यहां अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच में कभी भी यहां आ सकते हो।
चिटकुल के आस पास घूमने की जगाहे (टूरिस्ट अट्रैक्शन Attractions Near Chitkul) : भारत का आखिरी ढाबा, माथी मंदिर, बसपा नदी, हाइड्रो फ्लोर मिल, बौद्ध मंदिर, सेब के बाग और चितकुल फोर्ट.
- माथी मंदिर के लिए
- चरंग चितकुल पास ट्रेक के लिए
- काग्यूपा मंदिर के लिए
- बसपा रिवर व्यू के लिए
- बेरिंग नाग मंदिर के लिए
- बौद्ध मठ के लिए
- तिब्बती लकड़ी पर नक्काशी केंद्र के लिए
- Rakcham परिदृश्य के लिए
खर्चा : करीब 10,000 - 15,000 रुपये
रूट: कार, बस, ट्रेन या फ्लाइट से चितकुल पहुंचा जा सकते हैं. चितकुल का नजदीकी एयरपोर्ट भुंतर है और नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है. सेल्फ ड्राइविंग वाले दिल्ली-चंडीगढ़-शिमला-करचम होते हुए चितकुल पहुंच सकते हैं.
Recent News
सही पैकर्स और मूवर्स कंपनी कैसे चुनें?
जब आप अपने घर, ऑफिस या सामान को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बना रहे हों, तो एक भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स कंपनी चुनना बहुत जरूरी है।
Cold Cream Ingredients Distributor and Supplier
Bansal Trading Company partners with globally renowned manufacturers to ensure their clients have access to premium raw materials and Cold Cream Ingredients.
जानें आपके शहर में कितने बजे दिखेगा करवा चौथ का चांद
करवा चौथ में मुख्यतः पहले गौरी गणेश की पूजा होती है. इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है. इस बार करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 05.45 बजे से शाम 07.01 तक रहेगा.
15 मिनट में पेपर कप में रखी चाय बन जाती है जहर, जानें IIT स्टडी में क्या हुआ खुलासा
पर्यावरण और सेहत के लिए हानिकारक होने के कारण प्लास्टिक कप को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है. लेकिन क्या ईको फ्रेंडली माने जाने वाले पेपर कप केमिकल फ्री हैं? IIT की स्टडी से इसका चौंकाने वाला जवाब सामने आया है.
भारत का अंतिम गाँव चितकुल हिमाचल प्रदेश